गुर्दे में पथरी होना सिर्फ बढ़ती उम्र में ही नहीं जवानो में भी हो सकता है. गुर्दे में पथरी का पैदा होना कई कारन पर आधारित है. कम पानी पीना, अयोग्य आहार और लाइफस्टाइल और किडनी की बीमारी से पथरी का निर्माण होता है. छोटे पथरी होते है और मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाते है. मगर जब यह बड़े हो जाते है तो पीड़ा होती है और यह पीड़ा भी सहा नहीं जाता है. इस का इलाज है ऑपरेशन या तो लिथोट्रिप्सी जिस में अल्ट्रासोनिक साउंड वेव्स के मदद से यह पत्थर को चूरा कर देते है.
सर्दी के मौसम में या तो फिर इन्फेक्शन से या तो फिर ज्यादा मीठा और खट्टा खाने से जुखाम और खांसी होता है खास कर के बच्चो में. अगर ऐसा हुआ तो आप एंटीबायोटिक्स लेंगे जो है नुकसानकारक. इस से अच्छा है की आप वर्षो से इस्तेमाल किये जाने वाले दादी माँ के घरेलु नुस्खे फॉर कोल्ड अपनाये और पाए कुदरती तरीके से राहत.
टीबी याने ट्यूबरक्लोसिस एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो जानलेवा होता है अगर इस रोग का सही टाइम पर इलाज न किया गया तो. मैकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया शरीर में दाखिल हो के पेशियों को ख़तम कर देते है और मरीज़ कमजोर होता जाता है और ट्रीटमेंट करने पर अंत आता है. पहले के ज़माने में ट्यूबरक्लोसिस जान लेवा होता था मगर आज के ज़माने में दवाई से टीबी बैक्टीरिया का नाश होकर मरीज़ फिर से स्वस्थ हो जाता है.
अगर सही तरह से नियमित दवाई और ट्रीटमेंट का पालन न किया तो मल्टपल ड्रग रेसिस्टेंट TB होता है जिस के इलाज में 2-3 साल बीत जाते है और फिर भी मोर्टेलिटी रेट हाई है. टीबी का उपचार सही तरह से करना चाहिए और मरीज़ को ट्रीटमेंट का नियमित पालन करना जरूरी है.
इंडिया में 65 मिलियन से भी ज्यादा लोग डायबिटीज के शिकार है. हम इंडियंस को मीठा खाने की आदत है और तले हुए चीज़ सबसे प्रिय व्यंजन है. साथ में एक्सरसाइज कम करते है और खाने में संयम कम है. अगर डायबिटीज हो जाए तो आश्चर्य की बात नहीं है. डायबिटीज को लाइफस्टाइल बीमारी माना जाता है और इस के वर्णन के लिए कई कई शब्द का उपयोग किया जाता है. एक सबसे पॉपुलर तरीका है की लोग कहेंगे “इन को शुगर की बीमारी है याने की ब्लड में शुगर की मात्रा लिमिट से ज्यादा है और डायबिटीज है. आइये जानिए शुगर डिजीज इन हिंदी शुगर कम करने के उपाय डायबिटीज ट्रीटमेंट होम रेमेडीज इन हिंदी और इस बीमारी से मिल के निपटे.
स्वाइन फ़्लू यानि H1N1 वाइरस से होने वाली बीमारी आज कल बहुत तेज़ी से फैल रही है| लापरवाही रखने पर स्वाइन फ़्लू के इलाज में मौत हो सकती है| घबराने की ज़रूरत नहीं है| स्वाइन फ्लू के लक्षण ( Symptoms of swine flu in hindi) जाने और यह प्रकट होते ही आप सजग हो के स्वाइन फ्लू का इलाज (treatment of swine flu in hindi) घर पर शुरू कर दे तो इस वाइरस का शमन होगा| नेचुरल वेज़ टू ट्रीट स्वाइन फ़्लू ऐट होम (natural ways to treat swine flu at home in hindi) अपनाना बहुत आसान है| आयुर्वेद मे स्वाइन फ़्लू को कफ का ज्वर कहते है क्योंकि यह वात और कफ विकार होने से जल्दी से लग जाता है|
आज कल स्वाइन फ़्लू का प्रकोप चल रहा है और लापरवाही के कारण कई लोग इस बीमारी से मारे गये है| स्वाइन फ़्लू के बारे मे जानना बहुत ज़रूरी है और सजग रहना ताकि स्वाइन फ़्लू के लक्षण नज़र आए तो फ़ौरन कदम उठा सके और गहरे परिणाम से बच सके| जानिए स्वाइन फ़्लू क्या है, स्वाइन फ़्लू इंडिकेशन्स कैसे होते है, मिथ्स एसोसिएटेड विथ स्वाइन फ़्लू और ट्रीटमेंट ऑफ स्वाइन फ़्लू ऐट होम|
स्वाइन फ्लू का गर्भावस्था पर प्रभाव (Causes and effects of swine flu during pregnancy in hindi, swine flu and pregnancy in hindi):
महिला के लिए गर्भवती होना एक खुशी की बात है| गर्भावस्था के दौरान बहुत ध्यान रखना पड़ता है होने वाली माता के स्वास्थ्य का और इसी पर निर्भर है होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य| ऐसे नाज़ुक हालात जब इम्युनिटी कम हो जाए तब गर्भवती महिला को पूरी सुरक्षित रखना चाहिए की कोई भी गंभीर बीमारी ना लगे जैसे की स्वाइन फ़्लू| ऐसे स्वाइन फ़्लू इतना ख़तरनाक नहीं है मगर जब गर्भावस्था में स्वाइन फ़्लू हो जाये तो माता को और होने वाले बच्चे को बहुत गंभीर असर हो सकते है| जानिए गर्भावस्था और स्वाइन फ़्लू के बारे में (swine flu in pregnancy in hindi) और सजग हो जाए|
कोई भी बीमारी फैल जाती है तो तुरंत उस बीमारी के बारे मे मिथक भी फैल जाते है बीमारी की तरह| यही हाल है स्वाइन फ़्लू के बारे में| लोगो के दिमाग़ मे इससे जुड़ी कई ग़लत फैमी है और इस के कारण वो शायद ग़लत कदम भी उठाए या तो लापरवाही रखे| जानिए स्वाइन फ़्लू से जुड़ी हक़ीकत और मिथक और सही रास्ता अपनाए|
माइग्रेन के कारण (Causes of migrain in hindi, Migraine ke karan in hindi):
यह एक राज़ है की कई लोगो को माइग्रेन कभी नहीं होता है तो कई लोग माइग्रेन से बहुत ही परेशान रहते है और माइग्रेन के इलाज में जुटे रहते है| यह माइग्रेन क्या है और माइग्रेन कैसे होता है? पढ़ते रहिए और जानिए 10 कारण माइग्रेन होने के (10 reasons of migraine pain in hindi)|
माइग्रेन के लक्षण (migraine symtoms in hindi, migraine ke lakshan in hindi):
माइग्रेन याने अधशिशि एक ऐसी गंभीर अवस्था है की पूर्ण तरीके से व्यक्ति का हाल बिगाड़ देती है| माइग्रेन के लक्षण कई है और यह लक्षण पहचाने तो आप समयसर माइग्रेन के घरेलू उपाय या माइग्रेन के उपचार कर सकेंगे जिससे माइग्रेन का दुष्प्रभाव कम हो और आप एक साधारण जीवन बीता सके| माइग्रेन का दौरा जब पड़ता है तो तीव्र दर्द होता है सर के एक बाजू में और इसके साथ माइग्रेन के अन्य लक्षण भी है| माइग्रेन के पद/चरण भी अलग है और यह चार चरण होते है जैसे की प्रॉडरोम(prodrome), औरा (aura), सर का दर्द और पोस्ट-ड्रोम(post-prodrome)| सभी एक साथ महसूस होना ज़रूरी नहीं है माइग्रेन के लक्षण में|
माइग्रेन (अर्धशीर्षी) के दुष्प्रभाव (Effects of migraine in hindi):
माइग्रेन याने अर्धकापाली, अर्धशीर्षी एक खास प्रकार का दर्द है जो बहुत परेशान कर के रख देता है| अन्य सर दर्द की तुलना में माइग्रेन की पीड़ा असहनीय हो जाती है और माइग्रेन का दुष्प्रभाव रोजिंदा जीवन पर होता है और स्वास्थ पर भी| जानिए माइग्रेन के दुष्प्रभाव जो आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकते हैं|
योग से माइग्रेन (सिर के अर्ध भाग में दर्द) का उपाय व उपचार (Yoga for migraine headaches in hindi) : माइग्रेन ऐसी परिस्थिति है की इसके लिए माइग्रेन की दवाई ले तो सिर्फ़ राहत मिलती है, मूल कारण नहीं निकल जाता है| माइग्रेन के कारण कई है और माइग्रेन के लक्षण पर आधार माइग्रेन की गोली दी जाती है| इन सभी माइग्रेन के इलाज में कोई ना कोई आड़ असर तो होता ही है| इससे बेहतर है की माइग्रेन के प्राकृतिक उपाय और सरल ऐसे माइग्रेन के नुस्खे करे की हमेशा के लिए राहत मिले| ऐसे माइग्रेन के देसी इलाज में है एक्यूप्रेशर से माइग्रेन का इलाज, एक्यूपंक्चर से माइग्रेन का इलाज और योगा से माइग्रेन का इलाज|
Ayurvedic treatment for migraine headaches in hindi (migraine ka ayuvedic ilaj in hindi): माइग्रेन के कारण जितने है उतनी ही माइग्रेन की दवाई और माइग्रेन के इलाज भी अलग अलग है| माइग्रेन की दवाई से सिर्फ़ राहत मिलती है मगर माइग्रेन के लक्षण और माइग्रेन के मूल कारण का इलाज नहीं होता है| (और पढ़े :- माइग्रेन को रातों रात ठीक कर देंगे यह नुस्खे )
माइग्रेन के दर्द का इलाज एक्यूप्रेशर से (Acupressure treatment points for migraine pain in hindi): माइग्रेन एक अजीब परेशानी है जो किसी कीटाणु या वाइरस से नहीं होती है और जब होती है तो माइग्रेन का दौरा व्यक्ति को और कुछ नहीं करने देता है| माइग्रेन के कारण कई है जैसे की दवाई, एलर्जी, खाद्य पदार्थ, मौसम का बदलाव, नींद की कमी, तनाव, वंश परंपरागत हालत, शराब, तंबाकू, तीव्र गंध, आदि हो सकते है| माइग्रेन के इलाज में माइग्रेन के लक्षण और माइग्रेन के कारण जानना ज़रूरी है और माइग्रेन के घरेलू उपचार से जल्द ही राहत मिलती है| जड़ी बूटी, मालिश, गरम-ठंडे पानी के पोते, यह है कई ऐसे असरकारक माइग्रेन के इलाज| इसके अलावा बिन परंपरागत माइग्रेन के इलाज भी है जिस में से एक है एक्यूप्रेशर| जहाँ एक्यूपंक्चर मे विशेषज्ञ सुई घुसा के माइग्रेन का इलाज करते है वहाँ पर एक्यूप्रेशर शरीर के चुने हिस्से पर दबाव डालने से माइग्रेन का इलाज होता है| यह आप घर पर भी कर सकते है और आसान है| जानिए एक्यूप्रेशर माइग्रेन इलाज करने के तरीके|
माइग्रेन और केवल सिर दर्द के बीच अंतर (Difference between migraine or headache in hindi): ऐसा देखा गया है की ज़्यादातर लोगो को अधशिशी याने माइग्रेन और साधारण सरदर्द के बीच के अंतर के बारे में जानकारी नहीं है| माइग्रेन बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और माइग्रेन के लक्षण को कभी नज़र अंदाज़ ना करे ना ही माइग्रेन के इलाज में विलंब करे| यह तब हो सकता है जब व्यक्ति माइग्रेन के चिन्ह् को सही तरह से पहचान पाए और सरदर्द ओर माइग्रेन के बीच के अंतर को जाने|
सरदर्द अलग प्रकार के होते है जैसे की कई बार सरदर्द होता है, रुक जाता है और फिर शुरू होता है| सर्दी जुखाम हो जाए तो भी सर्दी -बुखार और दबाव के कारण सरदर्द हो जाता है| कई बार जन्मजात कारण जैसे की खोपड़ी का दबाव भेजे पर हो तो यह सरदर्द रहता है| यकायक भी सरदर्द होता है जो हेमरेज(hemorrhage) के कारण हो सकता है जिसमें स्ट्रोक हो सकता है और यह गंभीर परिस्थिति है जिसमे मरीज़ को फ़ौरन हॉस्पिटल ले जाना चाहिए|
अगर किसी लक्षण को किसी रोग के साथ नहीं जोड़ सकते है तो इसे एलर्जी का नाम दिया जाता है| यह आम प्रथा है| मगर क्या आप जानते है एलर्जी क्या है, क्यों होता है और इसके कितने प्रकार है? पढ़िए यह लेख और जानिये एलर्जी के बारे में|
एलर्जी का इलाज, यहाँ जाने एलर्जी के कारण, एलर्जी के लक्षण, एलर्जी से बचाव के घरेलु उपाय और एलर्जी का आयुर्वेदिक इलाज जिनके उपयोग से एलर्जी से छुटकारा पाए|